दोस्तों Fairy Tale Story in Hindi, इंटरनेट पर बहुत ही कम मौजूद है। इसीलिए आज मैं आपके लिए ले कर आ गया हूँ जादुई परियों और राक्षस की कहानी।
Fairy Tale Story in Hindi
बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर जादुई जंगल था, जिसे “परिलोक” कहा जाता था। इस जंगल में नन्हीं-नन्हीं परियाँ रहती थीं। ये परियाँ रंग-बिरंगे कपड़ों में चमकती थीं और उनके नन्हें पंख जब हवा में फड़फड़ाते, तो चारों ओर जादुई रोशनी फैल जाती थी। परियाँ फूलों की पंखुड़ियों पर बैठकर हँसती, गुनगुनाती और अपनी जादुई शक्तियों से जंगल को खूबसूरत बनातीं।
परिलोक में एक प्यारी-सी परी थी, जिसका नाम रूबी था। रूबी बहुत जिज्ञासु और साहसी थी। वह हमेशा नए रहस्यों की खोज में रहती थी। उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी लिली, जो बहुत बुद्धिमान और समझदार थी। परियों की यह दुनिया बहुत शांत और आनंदमयी थी, लेकिन एक समस्या थी – जंगल के दूसरे छोर पर एक राक्षस रहता था।
इस राक्षस का नाम गरथ था। वह बड़ा और भयानक दिखता था, जिसकी आँखें आग जैसी चमकती थीं और उसकी गरजती आवाज़ से पेड़ भी कांप जाते थे। परियाँ उससे डरती थीं और कभी भी उसके क्षेत्र में जाने की हिम्मत नहीं करती थीं।
एक दिन रूबी को एक चमकदार फूल मिला, जो पहले उसने कभी नहीं देखा था। वह लिली के पास गई और बोली, “लिली, देखो यह फूल कितना अनोखा है, मुझे लगता है कि इसमें जादुई शक्तियाँ हैं।”
लिली ने ध्यान से फूल को देखा और बोली, “हाँ, यह बहुत खास लग रहा है, लेकिन हमें इस पर और जानकारी लेनी होगी।”
वे दोनों परियों की रानी, रानी एल्विरा के पास गईं। रानी ने बताया कि यह एक जादुई फूल है, जिसे “जीवन पुष्प” कहा जाता है। यह फूल सिर्फ उन्हीं जंगलों में खिलता है, जहाँ सच्ची दोस्ती और प्रेम होता है। लेकिन अचानक एक तेज़ हवा चली और फूल उड़कर गरथ के क्षेत्र में चला गया।
रूबी और लिली ने तय किया कि वे उस फूल को वापस लाएँगी, लेकिन यह आसान नहीं था। जब वे राक्षस की गुफा के पास पहुँचीं, तो उन्होंने गरथ को देखा। वह सच में डरावना था, लेकिन जब उन्होंने उसे ध्यान से देखा, तो पाया कि उसकी आँखों में कोई क्रूरता नहीं थी। वह अकेला और उदास दिख रहा था।
रूबी हिम्मत जुटाकर आगे बढ़ी और बोली, “गरथ, हम तुम्हारे पास झगड़ने नहीं आए हैं। हम बस अपना जादुई फूल वापस लेने आए हैं।”

गरथ ने भारी आवाज़ में कहा, “यह फूल बहुत सुंदर है, लेकिन मैं इसे इसलिए नहीं लौटाऊँगा क्योंकि यह पहली बार है जब मेरे अंधेरे गुफा में इतनी सुंदरता आई है।”
लिली ने नम्रता से कहा, “गरथ, तुम्हें यह फूल पसंद आया, इसका मतलब है कि तुम्हें भी सुंदरता और खुशियाँ पसंद हैं। क्या तुम सच में इतने भयानक हो, जितना हम सोचते थे?”
गरथ थोड़ी देर चुप रहा और फिर कहा, “सच कहूँ, मैं कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता था। लेकिन मेरी शक्ल डरावनी है, इसलिए सब मुझसे डरते हैं और मुझसे दूर रहते हैं।”
रूबी मुस्कुराई और बोली, “तो इसका मतलब है कि तुम बुरे नहीं हो! हमें तुमसे दोस्ती करनी चाहिए।” गरथ ने आश्चर्य से उनकी ओर देखा और धीरे-धीरे मुस्कुराया। यह पहली बार था जब किसी ने उससे दोस्ती करने की बात की थी।
इसके बाद परियाँ और गरथ अच्छे दोस्त बन गए। उन्होंने जंगल को और सुंदर बनाने के लिए मिलकर काम किया। गरथ ने अपनी ताकत से टूटे पेड़ों को सहारा दिया, और परियाँ अपनी जादुई शक्तियों से फूलों को और अधिक खिलने में मदद करने लगीं।
नोट – ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, जिसे सिर्फ मनोरंजन और नैतिक शिक्षा के लिए बनाया गया है। परी और राक्षस जैसी चीज़ें असल दुनियां में नहीं होते।
धीरे-धीरे, परिलोक के सभी निवासियों को यह समझ आ गया कि सच्ची सुंदरता दिल में होती है, न कि चेहरे पर। अब परिलोक और भी खुशहाल और सुंदर बन गया था।
इस तरह, रूबी और लिली ने न केवल अपना जादुई फूल वापस पाया, बल्कि एक नए दोस्त गरथ को भी अपनी दुनिया में शामिल कर लिया।
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नैतिक शिक्षा (Moral) – Hindi Fairy Tales Story
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी को सिर्फ उसके बाहरी रूप से नहीं आंकना चाहिए। हर किसी के अंदर अच्छाई होती है, बस हमें उसे समझने और स्वीकार करने की जरूरत होती है।