गर्मी की दोपहर थी अरब के रेगिस्तान में एक अमीर और समझदार व्यापारी, जिसका नाम था जहीर अल राशिद, व्यापार के सिलसिले में कहीं जा रहा था। उसके साथ उसके दो प्यारे पालतू जानवर भी थे, एक ऊँट जिसका नाम था शाज़ी, और एक बकरी जिसका नाम था लैला।
जहीर अपने ऊँट पर बैठकर व्यापार के सिलसिले में दूर-दूर तक सफर करता था। लैला और शाज़ी हमेशा उसके साथ होते। लेकिन एक दिन कुछ अजीब हुआ, रेगिस्तान में अचानक धूल भरी आंधी आई, ऐसी आंधी कि आसमान भी नहीं दिख रहा था। जब आंधी थमी जहीर को एहसास हुआ कि वह रेगिस्तान में रास्ता भटक गया है।
पर यह सिर्फ शुरुआत थी…
इस Short Story में रहस्यमयी जंगल
चलते-चलते, जहीर और उसके जानवर रेत की दुनिया से एक घने हरे जंगल में कब पहुँच गए पता भी नहीं चला। घना जंगल? वो भी अरब में? ये बात चौकाने वाली थी। यह जंगल जादुई था, बहुत ही विशाल, घना और रहस्यमय। यहाँ की हवा में कुछ चुंबकीय सा था। हर पेड़ की टहनी जैसे कुछ कह रही हो।
जब वे जंगल के अंदर गए तो उन्हें एक पुरानी गुफा मिली, जो किसी प्राचीन समय की लग रही थी। जहीर हिम्मत करके गुफा के अंदर गया।
गुफा के अंदर एक पत्थर की मेज पर एक अजीब चमकदार कागज रखा था। वह कागज असल में एक खजाने का नक्शा था, जिसमें किसी “ज़ियारा महल” का ज़िक्र था, एक ऐसी जगह जो अब इंसानों के असली नक्शों से मिट चुकी थी।
रहस्यमई जादुई रोबोटिक प्राणी
जहीर ने नक्शा ध्यान से पढ़ा और उसके मन में ख़ज़ाने को पाने की इच्छा होने लगी, उसने सोचा अगर मैं एक बार मेहनत करके ख़ज़ाने को पा लूँ तो फिर जिंदिगी भर आराम से ऐश करूँगा। इसके बाद उसने अपनी रोमांचक यात्रा शुरू की। यह कोई आम रास्ता नहीं था, रास्ते में अजीब-अजीब चीज़ें होने लगीं:
- कुछ पेड़ अचानक हाईटेक रोबोट्स में बदल जाते,
- झीलों में ऐसे जीव रहते जो पानी में बिजली छोड़ते थे,
- और रात को आसमान में नीली रोशनी वाले ड्रोन जैसे चमकते जीव उड़ते थे।
एक बार लैला पर हमला करने आया एक आग की लौ-फेंकने वाला चिड़िया जैसा रोबोट, लेकिन शाज़ी ने अपनी लंबी गर्दन से उसे धक्का दे दिया और सबकी जान बचाई।
ज़ियारा महल का रहस्य
कई हफ्ते चलते चलते वह जगह मिली जो नक्शे में थी, ज़ियारा महल। यह कोई साधारण महल नहीं था यह एक एंटी-ग्रैविटी ज़ोन में तैरता हुआ, चमकदार महल था। उसके चारों ओर एक खूबसूरत बागीचा था जिसमें फूल, फल और झरने थे। हर पौधा नीले प्लाज्मा लाइट से दमक रहा था।
जहीर जैसे ही महल के पास गया, एक बूढ़ा आदमी मिला जो महल के छत पर था, और वो राजा जैसा कपडा पहना हुआ था। बूढ़ा आदमी बोला स्वागत और मुबारक जो तुम इतनी कठनाइयों को पार करते आखिर इस महल तक पहुंच ही गए।
इसके बाद कहा “मैं इस महल का राजा हूँ और बूढ़ा हूँ मेरे बाद इसको सँभालने और देख रेख करने वाला कोई नहीं है। इसी लिए मैंने ही वो नक्शा गुफा में रखवाया था ताकि कोई काबिल आदमी यहाँ तक पहुंचे जिसे मैं अपना सारा महल और खज़ाना सौप दूँ।“
यह कहकर राजा ने ज़हीर को अंदर महल में बुलाया। राजा के हाथों में एक होलोग्राफिक डिवाइस या छड़ी जैसी कुछ थी। जहीर को शक हुआ, पर ख़ज़ाने के लालच में उसने सब नज़रअंदाज़ कर दिया। और महल के भीतर चला गया लेकिन अपने जानवरों को बाहर ही रुकने को कहा।
जैसे ही जहीर महल के छत पर गया जहाँ बूढ़ा राजा था तभी राजा हँसने लगा और उसकी आँखें लाल हो गईं और वह चुड़ैल में बदल गया। वह असल में एक साइबर-चुड़ैल थी, जो इस जंगल और महल को जादू और टेक्नोलॉजी से 500 सालों से नियंत्रित कर रही थी।
चुड़ैल ने अपने काले जादू से जहीर को बाँध दिया और अब उसे पका कर खाने की तैयारी करने लगी। बहुत देर हो जाने पर बाहर खड़े लैला और शाज़ी को चिंता होने लगी। तभी लैला ने कहा “शाज़ी तुम तो बड़ी हो महल में नहीं जा सकती लेकिन मैं जा सकती हूँ, रुको मैं अंदर का हाल पता करने जाती हूँ।“
यूँ तो चुड़ैल इतनी माहिर जादूगरनी थी फिर भी हर किसी की एक न एक कमज़ोरी होती है, उसी तरह चुड़ैल की भी एक कमज़ोरी थी और वो थी बकरी और उसकी आवाज़। चुड़ैल बकरी और उसके आवाज़ से बहुत ज़्यादा डर्टी थी।
अब जैसे ही लैला अपने मालिक को ढूंढने के लिए मैं-मैं बोलते हुए महल के छत पर जाने लगी, चुड़ैल का बीपी बढ़ने लगा। अब जैसे ही बकरी अपने मालिक यानि ज़हीर के पास पहुंची, चुड़ैल वहां से नौ दो ग्यारह हो गयी।
इसके बाद किसी तरह लैला के मदद से ज़हीर ने खुद को रस्सी से मुक्त किया और महल से बाहर आ गए। लेकिन अब ज़हीर के दिमाग में एक आईडिया आया। उसने मन में कहा “लैला को देखते ही चुड़ैल इतनी ज़्यादा डर गयी और भाग गयी, लेकिन बिलकुल हमारे जाने के बाद वो दुबारा यहाँ आ जाएगी“। अब ज़हीर पूरे महल और ख़ज़ाने को हासिल करना चाहता था और साथ में इस चुड़ैल के चाल से दूसरों को बचाना चाहता था।
अब वो लैला को लेकर दुबारा महल में गया जहाँ चुड़ैल वापस आ चुकी थी, अब धीरे धीरे वे चुड़ैल के पीछे से एकदम पास चले गएँ और पास जाकर लैला ने मैं मैं बोलना शुरू किया, इस बार इतनी ज़्यादा डर के वजह से चुड़ैल को दिल का दौरा आ गया और वो हमेशा के लिए मर गयी।
इस प्रकार ज़हीर की अकलमंदी और लैला और शाज़ी की मदद से इन लोगों ने बदमाश चुड़ैल की चंगुल से पूरे जंगल को मुक्त करा दिया।
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इस Story का Moral
तो इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें भी ज़हीर की तरह हिम्मती होना चाहिए और मुश्किल परिस्थिति में भी ठन्डे दिमाग से निर्णय लेना चाहिए।