नीलकंठ जंगल की चुप्पी | Shikshaprad Kahani in Hindi

Shikshaprad Kahani in Hindi means moral story in Hindi, here we are going to enjoy amazing story of an ancient king and a dangerous dragon.

1. हाथी और बतख की हिंदी में शिक्षाप्रद कहानी

नीलकंठ जंगल बहुत शांत और खूबसूरत था। वहाँ रंग-बिरंगे फूल, मीठा पानी और शांत वातावरण था। लेकिन उस जंगल में एक अजीब बात थी वहाँ कोई किसी से बात नहीं करता था।

हर जानवर बस अपने काम से काम रखता। ना कोई हँसी, ना कोई दोस्ती।

इसी जंगल के बीचोंबीच रहता था एक शांत हाथी बदरंग। वह बहुत बुद्धिमान था, लेकिन हमेशा अकेला रहता था। वो सोचता, “यह जंगल इतना सुंदर है, पर इतनी चुप्पी क्यों?”

एक दिन दूर देश से एक नई बतख उड़ती हुई आई उसका नाम था झिलमिली। वह बिल्कुल अलग थी बातूनी, चंचल और हमेशा मुस्कराने वाली।

जब झिलमिली ने देखा कि पूरा जंगल चुप है, तो उसने ठान लिया, “मैं इस जंगल को मुस्कराना सिखाऊंगी!”

झिलमिली की पहली कोशिश

झिलमिल उड़ते-उड़ते बदरंग के पास पहुंची और बोली:

“हेलो! आप इतने बड़े और समझदार लगते हो, क्या आप हँसना भूल गए हो?”

बदरंग चौंका, किसी ने उससे वर्षों बाद बात की थी।

मैंने किसी को हँसते नहीं देखा, तो खुद भी भूल गया,” उसने धीमी आवाज़ में कहा।

झिलमिली बोली, “अगर आप मेरे साथ एक खेल खेलें, तो शायद आपको मजा आए!”

खेल ने किया कमाल

खेल का नाम था “गूंगे जानवर बोलेंगे”। झिलमिली ने जंगल के हर जानवर को बुलाया और कहा:

“इस खेल में सबको अपने मन की एक बात बिना डरे बोलनी है, चाहे वो डर हो, सपना हो या सवाल।”

शुरुआत बदरंग ने की

“मुझे हमेशा लगता था कि मेरी आवाज़ बहुत भारी है, इसलिए कोई मुझसे बात नहीं करना चाहता।”

तब खरगोश बोला,

मुझे लगा मैं बहुत छोटा हूँ, इसलिए कोई मेरी बात नहीं सुनेगा।”

एक-एक कर सारे जानवर बोलने लगे।

और पहली बार, नीलकंठ जंगल में हँसी गूंजी।

🐘🦆 बदरंग और झिलमिली की दोस्ती

बदरंग ने झिलमिली से कहा,
तुमने इस जंगल को आवाज़ दी। तुमने हमें हमारी चुप्पी से आज़ाद किया।”

झिलमिली मुस्कराई और बोली,
आवाज़ कभी बड़ी या छोटी नहीं होती। बस उसे सुनने वाला चाहिए।

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि “कभी भी चुप्पी को आदत मत बनने दो। बोलने की हिम्मत और सुनने की आदत, दोनों मिलकर रिश्ते बनाते हैं।”

2. राजा और आग उगलने वाला ड्रैगन

बहुत समय पहले की बात है, एक दूर देश में एक राजा शासन करता था। उसका नाम राजा धर्मवीर था। वह न्यायप्रिय और दयालु था। उसकी प्रजा उसे बहुत प्रेम करती थी क्योंकि वह सभी का ध्यान रखता था। लेकिन, उसके राज्य के एक पहाड़ी क्षेत्र में एक विशाल आग उगलने वाला ड्रैगन रहता था, जो वहाँ के गाँवों पर समय-समय पर हमला करता और लोगों की फसलें जलाकर नष्ट कर देता था।

Shikshaprad Kahani in Hindi
Shikshaprad Kahani in Hindi

राजा को जब इस समस्या के बारे में पता चला, तो उसने अपने सैनिकों को भेजा ताकि वे ड्रैगन को रोक सकें। लेकिन ड्रैगन बहुत शक्तिशाली था। उसने कई सैनिकों को हराकर वापस भगा दिया। राजा को चिंता हुई कि यदि इसे जल्द ही नहीं रोका गया, तो उसका राज्य संकट में आ जाएगा।

राजा की योजना

राजा ने सोचा, “अगर बल प्रयोग से यह समस्या हल नहीं हो रही है, तो हमें कोई और उपाय सोचना चाहिए।” उसने अपने बुद्धिमान मंत्री विजयसेन को बुलाया और सलाह मांगी। विजयसेन ने कहा, “महाराज, हर समस्या का समाधान केवल युद्ध नहीं होता। कभी-कभी हमें दुश्मन को समझने और उससे बात करने की आवश्यकता होती है।”

राजा को यह विचार उचित लगा। उसने निर्णय किया कि वह स्वयं ड्रैगन से मिलने जाएगा और समझेगा कि वह गाँवों पर हमला क्यों कर रहा है।

ड्रैगन की गुफा में प्रवेश

राजा अपने कुछ भरोसेमंद साथियों के साथ ड्रैगन की गुफा की ओर चला। रास्ते में कई गांववाले मिले, जिन्होंने राजा से विनती की कि वह सावधान रहे। परंतु राजा का संकल्प दृढ़ था।

जब राजा गुफा में पहुँचा, तो उसने देखा कि ड्रैगन बहुत विशाल था, और उसकी आँखें अग्नि के समान चमक रही थीं। जैसे ही ड्रैगन ने राजा को देखा, वह गरजते हुए बोला, “कौन हो तुम? क्या तुम भी मुझे मारने आए हो?”

राजा ने शांत स्वर में कहा, “नहीं, मैं तुमसे युद्ध करने नहीं, बल्कि तुम्हें समझने आया हूँ। तुम गाँवों पर हमला क्यों करते हो? यदि तुम्हें भोजन चाहिए, तो हम तुम्हारे लिए प्रबंध कर सकते हैं।”

ड्रैगन कुछ देर चुप रहा, फिर उसने भारी आवाज़ में कहा, “तुम पहले राजा हो, जिसने मुझसे बात करने की कोशिश की है। बाकी सब मुझे सिर्फ एक दानव समझते हैं। लेकिन सच यह है कि मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा। मेरे पहाड़ों में पहले बहुत भोजन था, लेकिन अब जंगल कट चुके हैं, और शिकार के लिए कुछ नहीं बचा। मैं भूखा मर रहा हूँ, इसलिए मुझे गाँवों पर हमला करना पड़ता है।”

कहानी में समस्या का हल

राजा को अब सच्चाई का पता चल चुका था। उसने सोचा कि अगर ड्रैगन को भोजन उपलब्ध कराया जाए, तो वह गाँवों पर हमला करना बंद कर देगा।

राजा ने ड्रैगन से कहा, “मैं तुम्हारे लिए एक हल निकाल सकता हूँ। हम जंगलों को फिर से हरा-भरा बनाएंगे, जिससे तुम्हें अपने भोजन के लिए गाँवों पर हमला नहीं करना पड़ेगा। लेकिन इसके बदले में तुम्हें यह वचन देना होगा कि तुम किसी भी निर्दोष लोगों पर हमला नहीं करोगे।”

ड्रैगन कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला, “यदि तुम अपने वचन को पूरा करोगे, तो मैं भी अपना वादा निभाऊँगा।”

राजा गुफा से बाहर आया और उसने अपने राज्य के लोगों को बुलाया। उसने सबको समझाया कि हमें न केवल अपने लिए बल्कि प्रकृति और अन्य जीवों के लिए भी सोचना चाहिए। राजा ने पूरे राज्य में नए पेड़ लगाने का आदेश दिया और सुनिश्चित किया कि जंगल फिर से भर जाएँ। धीरे-धीरे, वन्य जीव फिर से बढ़ने लगे, और ड्रैगन को गाँवों पर हमला करने की ज़रूरत नहीं पड़ी।

राज्य में सुख और शांति

कुछ सालों बाद राजा और ड्रैगन फिर से मिले। इस बार ड्रैगन ने सिर झुकाकर कहा, “राजा धर्मवीर, तुमने अपने वचन को पूरा किया। अब मैं भी अपने वचन का पालन कर रहा हूँ। मैं अब किसी गाँव पर हमला नहीं करता, बल्कि इन पहाड़ों में शांति से रहता हूँ।”

Shikshaprad Kahani in Hindi Mein
शिक्षाप्रद कहानी आसान हिंदी में

राजा मुस्कुराया और बोला, “यही तो असली वीरता है – युद्ध से नहीं, बल्कि समझ और करुणा से समस्या का हल निकालना।”

इसके बाद राजा धर्मवीर का राज्य और भी समृद्ध और खुशहाल हो गया, और ड्रैगन को अब कोई दुष्ट दानव नहीं, बल्कि एक मित्र के रूप में देखा जाने लगा। इस प्रकार, राजा की बुद्धिमत्ता और करुणा से राज्य में शांति स्थापित हुई।

ये भी पढ़ें – बच्चों के लिए सीख वाली कहानियां

इस सीख देने वाली कहानी से शिक्षा

इस शिक्षाप्रद कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर समस्या का हल बल प्रयोग नहीं होता। समझदारी, धैर्य और करुणा से हम बड़े से बड़े संकट को दूर कर सकते हैं।

Leave a Comment