Emotional Love Story in Hindi: सूरज की पहली किरण खिड़की से झांक रही थी। कमरे में हल्की-हल्की रोशनी फैल रही थी। नीलम की आँखें खुलीं, तो उसकी नजरें बिस्तर के उस खाली हिस्से पर गईं, जहाँ उसके पति, अमित, को होना चाहिए था। उसने धीरे से करवट बदली और देखा कि अमित बालकनी में खड़ा था, चाय का प्याला हाथ में लिए हुए।
नीलम को यह देखकर आश्चर्य नहीं हुआ। पिछले कुछ महीनों से अमित अक्सर यूँ ही अकेले बैठा रहता था, खोया-खोया सा। पहले जो मुस्कान उसके चेहरे से कभी हटती नहीं थी, अब वो शायद कहीं खो गई थी।
नीलम ने धीरे से उठकर अमित के पास जाकर कहा, “इतनी सुबह क्यों जाग गए?”
अमित ने हल्की मुस्कान दी, “बस ऐसे ही, आदत सी हो गई है अब।”
नीलम समझ रही थी कि कुछ तो है जो अमित को अंदर से परेशान कर रहा है। वह उसे जबरदस्ती कुछ भी पूछकर परेशान नहीं करना चाहती थी। शादी को दस साल हो चुके थे, लेकिन अब वह पहले जैसी बातें नहीं करते थे। प्यार अभी भी था, लेकिन कहीं न कहीं ज़िन्दगी की भागदौड़ में उनका रिश्ता थोड़ा फीका पड़ गया था।
पुराने दिन
नीलम और अमित की शादी एक arrange marriage थी। अमित का हंसमुख स्वभाव और नीलम की मासूमियत, दोनों को एक-दूसरे के करीब ले आई थी। शादी के शुरुआती साल बहुत खूबसूरत थे। दोनों हर छोटी-छोटी चीज़ों में खुशी ढूंढ लेते थे।
लेकिन धीरे-धीरे ज़िम्मेदारियों का बोझ बढ़ता गया। नौकरी, घर, समाज इन सबके बीच वे दोनों कहीं खो गए थे। अमित देर रात तक ऑफिस में काम करता और सुबह जल्दी निकल जाता। नीलम भी अपने कामों में व्यस्त रहती। वे एक ही घर में रहते थे, लेकिन एक-दूसरे से दूर हो गए थे।
मन की उलझन
नीलम चाहती थी कि अमित उससे अपने मन की बात कहे, लेकिन अमित कुछ भी कहने से बचता था। एक दिन जब वह ऑफिस से लौटा, तो बहुत थका हुआ लग रहा था। नीलम ने हिम्मत जुटाकर पूछा, “क्या बात है अमित? तुम पहले जैसे खुश नहीं लगते। मुझसे कुछ छुपा रहे हो क्या?”
अमित ने एक गहरी सांस ली और कहा, “नहीं नीलम, बस ज़िन्दगी में कुछ खालीपन सा लगने लगा है। पहले हम कितने खुश थे, अब सबकुछ बदल गया है। तुम्हें नहीं लगता?”
नीलम की आँखों में आंसू आ गए। उसने सिर हिलाया, “हाँ अमित, मुझे भी ऐसा ही लगता है। लेकिन हमने कभी इसे ठीक करने की कोशिश ही नहीं की। शायद हम इतने व्यस्त हो गए कि अपने रिश्ते को समय देना ही भूल गए।”
अमित ने नीलम का हाथ थाम लिया, “शायद हम फिर से शुरुआत कर सकते हैं?”
नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा, “क्यों नहीं?”
रिश्ते की नई शुरुआत
अगले दिन से दोनों ने अपने रिश्ते में बदलाव लाने की कोशिश शुरू कर दी। अमित ऑफिस से जल्दी घर आने लगा। दोनों ने साथ में बैठकर चाय पीना शुरू किया। मोबाइल और टीवी से दूर रहकर वे एक-दूसरे से बातें करने लगे।
अमित ने फिर से नीलम के लिए छोटी-छोटी चीज़ें करना शुरू कर दिया, जैसे उसे उसके पसंदीदा गुलाब लाकर देना, बिना कहे उसकी पसंदीदा मिठाई लाना। नीलम ने भी कोशिश की कि अमित को उसका खोया हुआ सुकून वापस मिले।
एक दिन अमित ने नीलम से कहा, “हम इतने सालों से एक साथ हैं, लेकिन शायद हमने एक-दूसरे को हल्के में लेना शुरू कर दिया था। मैं चाहता हूँ कि हम फिर से वैसे ही बन जाएँ जैसे शादी के शुरुआती दिनों में थे।”
नीलम ने सिर हिलाते हुए कहा, “हाँ अमित, प्यार को बनाए रखने के लिए सिर्फ प्यार करना ही काफी नहीं होता, उसे संजोना भी पड़ता है।”
खुशियों की वापसी
धीरे-धीरे उनका रिश्ता फिर से मजबूत होने लगा। वे अब छोटी-छोटी चीज़ों में खुशियाँ ढूंढने लगे। एक शाम दोनों छत पर बैठे थे, चाय की चुस्कियाँ लेते हुए। अचानक नीलम ने अमित से पूछा, “अगर मैं कभी तुम्हें छोड़कर चली जाऊँ तो?”
अमित ने उसका हाथ पकड़कर कहा, “तो मैं तुम्हें ढूंढकर वापस ले आऊँगा।”
नीलम हँस पड़ी और बोली, “और अगर मैं खुद ही वापस आ जाऊँ?”
अमित ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो मैं तुम्हें कभी जाने ही नहीं दूँगा।”
नीलम की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। उन्होंने एक-दूसरे को कसकर गले लगा लिया।

उनका प्यार पहले जैसा ही था, बस उसे दोबारा जगाने की जरूरत थी। प्यार कभी खत्म नहीं होता, बस उसे समय-समय पर सँवारना पड़ता है।
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सीख – Emotional Love Story in Hindi
रिश्तों में प्यार बनाए रखने के लिए सिर्फ भावनाएँ ही काफी नहीं होतीं। समय, समझ, और छोटी-छोटी खुशियों का महत्व भी उतना ही ज़रूरी होता है। सच्चा प्यार वही होता है जो वक्त के साथ और मजबूत होता जाए।