हर घर में कभी न कभी ये सीन ज़रूर देखने को मिलता है —
बच्चा किसी बात पर अड़ जाता है, कभी खिलौना चाहिए, कभी मोबाइल,
और जब मना करो तो रोना, चिल्लाना, ज़मीन पर बैठ जाना! 😅
ऐसे वक्त पर मम्मी-पापा दोनों का सब्र टूट जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं?
ज़िद करना बच्चों के लिए बुरा नहीं, बल्कि उनका तरीका होता है अपनी बात कहने का।
तो गुस्सा करने की बजाय चलिए जानते हैं —
बच्चे की ज़िद को प्यार और समझदारी से कैसे हैंडल करें।
1. ज़िद को “गलती” नहीं, “संकेत” समझिए ❤️
जब बच्चा ज़िद करता है, तो वो असल में कुछ कहना चाहता है।
कभी वो थका होता है, कभी ध्यान चाहता है, और कभी बस चाहता है कि “मुझे भी सुना जाए।”
क्या करें:
उसकी बात ध्यान से सुनिए, उसे समझने की कोशिश कीजिए।
कह सकते हैं —
“मुझे पता है तुम वो खिलौना चाहते हो, लेकिन अभी नहीं, हम बाद में लेंगे।”
इससे बच्चा समझेगा कि आप उसकी बात को इग्नोर नहीं कर रहे।
2. “ना” कहने का तरीका बदलिए
सीधा “ना” बोल देने से बच्चे और ज़्यादा रिएक्ट करते हैं।
“ना” की जगह आप बात को थोड़ा घुमा सकते हैं।
उदाहरण:
“नहीं, मोबाइल नहीं मिलेगा।”
“अभी नहीं बेटा, लेकिन खाना खाने के बाद थोड़ी देर देख सकते हो।”
इससे बच्चे को लगता है कि उसकी बात मानी गई, बस थोड़ा इंतज़ार करना है।
3. खुद शांत रहिए – सबसे ज़रूरी Parenting Tip
बच्चा जब ज़िद करता है, तो हम झट से गुस्सा कर बैठते हैं —
“बस बहुत हो गया!”
लेकिन बच्चे को गुस्से में जवाब देने से बात और बिगड़ती है।
क्या करें:
- थोड़ी देर गहरी सांस लें।
- बच्चे की आंखों में देखकर शांत टोन में बात करें।
- अगर बहुत ज़्यादा रो रहा है, तो थोड़ी देर उसे अकेला छोड़ दें और बाद में प्यार से समझाएँ।
याद रखें — बच्चे हमारे रिएक्शन से सीखते हैं।
4. ध्यान भटकाने की ट्रिक अपनाइए
छोटे बच्चों पर ये तरीका हमेशा काम करता है।
जैसे:
अगर बच्चा खिलौने पर ज़िद कर रहा है, तो कहिए —
“देखो बाहर बिल्ली आई है!” या
“चलो, हम मिलकर तुम्हारी नई ड्रॉइंग बनाते हैं।”
बस, उसका ध्यान बदला और ज़िद अपने-आप गायब! 😄
5. घर में “Calm Corner” बनाइए
ये नया और बहुत बढ़िया तरीका है।
एक छोटी सी जगह चुनिए जहाँ बच्चे के पसंदीदा खिलौने, कुशन या कलर बुक्स रख दें।
जब बच्चा गुस्से में हो या ज़िद करे, तो कहें —
“चलो, Calm Corner में बैठते हैं।”

धीरे-धीरे वो खुद सीखेगा कि जब मन खराब हो, तो वहाँ जाकर खुद को शांत करे।
6. बच्चे की “Emotion” को नाम दें (Emotion Naming Parenting Trick)
ये बहुत असरदार तरीका है।
जब बच्चा ज़िद करे, तो आप उसकी भावना को शब्दों में बोलिए।
उदाहरण:
“तुम गुस्से में हो क्योंकि अभी पार्क नहीं जा पा रहे, है ना?”
ऐसा कहने से बच्चा महसूस करेगा कि “मम्मी-पापा मुझे समझते हैं।”
उसका गुस्सा आधा वहीं खत्म हो जाएगा।
7. बच्चे को थोड़ा फैसला लेने दें
हम हर चीज़ खुद तय करते हैं —
क्या खाना है, क्या पहनना है, कब सोना है।
तो कभी-कभी बच्चा बस इसलिए ज़िद करता है कि “मुझे भी कुछ तय करने दो।”
क्या करें:
छोटी-छोटी चीज़ों में चुनाव का मौका दें —
“आज नीली टी-शर्ट पहनोगे या लाल?”
“पहले खाना खाएँ या पहले कहानी सुनें?”
इससे बच्चा महसूस करेगा कि उसकी भी बात मायने रखती है।
8. “10 सेकंड रुकने” की आदत डालिए (Power of Pause)
जब बच्चा ज़िद पर अड़ा हो, तो तुरंत जवाब न दें।
बस 10 सेकंड रुकिए, खुद को शांत कीजिए।
इससे आप गुस्से से नहीं, समझदारी से जवाब देंगे।
कहिए — “पहले हम बैठते हैं, फिर बात करते हैं।”
और देखिए, माहौल अपने-आप हल्का हो जाएगा।
9. रात की 5 मिनट की “बातें” (Bedtime Talk)
सोने से पहले 5 मिनट सिर्फ़ बच्चे के लिए रखें।
पूछिए —
“आज तुम्हें सबसे ज़्यादा मज़ा किसमें आया?”
या “आज किसी बात पर गुस्सा आया?”
ये छोटी-सी आदत बच्चे को सिखाएगी कि बात करना ज़िद करने से बेहतर है।
🧸 10. ज़िद के बाद प्यार से बात ज़रूर करें
जब बच्चा शांत हो जाए, तो बस इतना कहें —
“जब तुम रो रहे थे, तुम्हें बहुत गुस्सा आया था ना? लेकिन अब देखो, हम प्यार से बात कर रहे हैं।”
ऐसे में बच्चा समझेगा कि ज़िद के बाद भी प्यार खत्म नहीं होता,
बस तरीका बदल जाता है।
एक्स्ट्रा Parenting टिप: “ज़िद को कहानी में बदलें”
बच्चे कहानी से जल्दी सीखते हैं।
तो जब वो ज़िद करे, तो उसी पर एक छोटी कहानी बना दीजिए।
हमारे इस वेबसाइट Story World पर आपको अच्छी अच्छी Moral नैतिक कहानियां और Bedtime Stories मिल जाएँगी, जिसे आप अपने बच्चे को सुना सकते हैं।
इससे बच्चा हँस भी पड़ेगा और उनका नैतिक विकास भी होगा।😄
याद रखिए – ज़िद कोई बुराई नहीं है
बच्चे की ज़िद उसका तरीका है अपनी बात कहने का।
आपका प्यार, सब्र और समझ ही उसे सिखाएगी कि कौन सी चीज़ कब और कैसे माँगनी चाहिए।
गुस्से में जवाब मत दीजिए, प्यार से दिशा दीजिए। ❤️