दादी माँ की 10 कहानियां | Bed Time Story in Hindi | सोने से पहले की शिक्षाप्रद कहानियां

दादी अपने पोते को सोने से पहले अच्छी अच्छी और शिक्षाप्रद हिंदी कहानियां सुना रही हैं।

शिक्षा देने वाली छोटी कहानियां बच्चों के अच्छे परवरिश में अहम् भूमिका अदा करती हैं। इसीलिए हमें भी अपने बच्चों को सोने से पहले सीख देने वाली कहानियां सुनानी चाहिए और बच्चों को खुद भी ऐसी कहानियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अब देखते हैं दादी माँ कौन सी कहानियां सुना रही हैं।

उड़ने वाला घोड़ा और रोमांचक सफर

रात का समय था। छोटा आरव दादी की गोद में लेटा हुआ बोला –
आरव: “दादी, आज कोई बहुत ही मज़ेदार और अलग सी कहानी सुनाओ न!”

दादी हँसते हुए: “अरे बेटा, आज तो मैं तुम्हें एक ऐसे घोड़े की कहानी सुनाऊँगी जो आसमान में उड़ सकता था!”

आरव की आँखें चमक उठीं: “सच में दादी? घोड़ा भी उड़ता है?”

दादी: “हाँ बेटा, लेकिन ये कोई साधारण घोड़ा नहीं था। ये जादुई घोड़ा था, जिसका नाम था ‘सफ़ेद बादल’। उसका शरीर बर्फ़ की तरह चमकदार था और उसकी अयाल (बाल) सुनहरी रोशनी जैसी दमकती थी। जब वह दौड़ता था, तो ज़मीन पर फूल खिल उठते थे।”

एक बार की बात है, पहाड़ों के किनारे छोटा गाँव था। उसी गाँव का नन्हा लड़का “अनय” जंगल में लकड़ियाँ बटोरने गया। अचानक उसे एक अजीब सी आवाज़ सुनाई दी। जैसे कोई पंख हवा में फड़फड़ा रहा हो।

वह आगे बढ़ा तो देखा—घोड़ा! लेकिन वो ज़मीन पर नहीं, बल्कि पेड़ों से ऊपर हवा में उड़ रहा था।

अनय दंग रहकर बोला: “वाह! ये तो सपनों जैसा है।”

घोड़ा नीचे उतरा और बोला—
सफ़ेद बादल (घोड़ा): “डरो मत, मैं तुम्हारा दोस्त बनकर आया हूँ।”

अनय की आँखें और चौड़ी हो गईं।
अनय: “तुम बोल भी सकते हो?!”

जादुई सवारी

सफ़ेद बादल ने अपनी पीठ झुका दी और कहा—
आओ, बैठो! मैं तुम्हें आकाश की सैर कराऊँ।”

अनय घोड़े की पीठ पर बैठ गया। जैसे ही घोड़े ने पंख फैलाए, वे दोनों बादलों को चीरते हुए ऊपर उड़ चले। नीचे खेत, नदियाँ, जंगल सब छोटे-छोटे खिलौनों जैसे दिखाई दे रहे थे।

अनय हँसकर बोला: “ये तो सबसे बड़ा झूला है दादी!”

दादी मुस्कुराकर बोलीं: “हाँ बेटा, और उस घोड़े ने अनय को इंद्रधनुष के ऊपर से गुज़ारा। वहाँ सात रंगों की सीढ़ियाँ बनी थीं। अनय ने अपने हाथों से इंद्रधनुष को छुआ, जो ठंडी हवा की तरह सरसराता था।”

रहस्य की गुफा

उड़ते-उड़ते वे पहाड़ की चोटी पर पहुँचे। वहाँ एक गुफा थी, जिस पर लिखा था—
“साहसियों के लिए खज़ाना।”

अनय ने हिम्मत जुटाकर अंदर कदम रखा। गुफा में अँधेरा था, मगर सफ़ेद बादल की अयाल चमक रही थी और रास्ता दिखा रही थी। अंदर एक बड़ा सा संदूक था।

संदूक खुला तो उसमें से कोई सोना-चाँदी नहीं निकला, बल्कि एक जादुई किताब निकली। उस किताब पर लिखा था—
ज्ञान ही सबसे बड़ा खज़ाना है।

अनय ने किताब खोली। उसमें दुनिया की अद्भुत कहानियाँ, रहस्य और नई बातें थीं।

सफ़ेद बादल ने कहा
याद रखना, सच्ची ताक़त दौलत में नहीं, बल्कि सीखने और बाँटने में है।”

फिर वह घोड़ा आसमान में उड़कर गायब हो गया। लेकिन किताब अनय के पास रह गई।

अनय गाँव लौटा और सब बच्चों को वो कहानियाँ पढ़कर सुनाने लगा। धीरे-धीरे पूरा गाँव ज्ञान और हिम्मत से भर गया।

आरव उत्साहित होकर बोला: “दादी, काश मुझे भी ऐसा उड़ने वाला घोड़ा मिले!”

दादी मुस्कुराईं: “बेटा, वो घोड़ा तो सपनों में मिलेगा। लेकिन याद रखना—पढ़ाई और सीखना ही असली पंख हैं, जो तुम्हें ऊँचा उड़ाते हैं।”

आरव ने दादी को गले लगा लिया और बोला—
मैं भी खूब पढ़ाई करूँगा और सबको कहानी सुनाऊँगा!

👉 यह कहानी सिर्फ़ रोमांच सफर की कहानी नहीं है बल्कि बच्चों को सीख भी देती है कि ज्ञान ही असली खज़ाना है।

छोटी कहानी शिक्षा देने वाली – नन्ही चिड़िया और सच्ची दोस्ती

दादी माँ धीरे-धीरे पोती के सिर पर हाथ फेरते हुए कहानी शुरू करती हैं।

“बेटा, बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक छोटी-सी चिड़िया रहती थी। उसका नाम गुल्ली था। गुल्ली बहुत चंचल और जिज्ञासु थी। उसे नई-नई जगहों पर जाना और नए दोस्त बनाना बहुत पसंद था।

Bed Time Story in Hindi
Dadi Maa Ki Bed Time Story in Hindi

गुल्ली अपने घोंसले में अकेली रहती थी, क्योंकि उसके माता-पिता बहुत दूर किसी और जंगल में चले गए थे। मगर गुल्ली को अकेलापन महसूस नहीं होता था, क्योंकि वह हर किसी से हंसकर मिलती थी और सबके साथ घुल-मिल जाती थी।

एक दिन, वह जंगल के दूसरे छोर पर उड़ते हुए पहुंची, जहां उसने देखा कि बहुत सारी रंग-बिरंगी चिड़ियाँ खेल रही थीं। गुल्ली बहुत खुश हुई और तुरंत उन चिड़ियों के पास जा पहुँची।

हेलो दोस्तों!’ गुल्ली ने खुशी-खुशी कहा।

रंग-बिरंगी चिड़ियों में से एक, जिसका नाम टिन्नी था, वह गुल्ली की तरफ आई और बोली, ‘अरे, तुम कौन हो? हमने तुम्हें पहले कभी नहीं देखा।’

मेरा नाम गुल्ली है, और मैं इस जंगल में ही रहती हूँ,’ गुल्ली ने मुस्कुराकर जवाब दिया।

टिन्नी और बाकी चिड़ियों ने गुल्ली का स्वागत किया और फिर सभी मिलकर खूब खेली। गुल्ली को बहुत अच्छा लगा कि उसे इतने सारे नए दोस्त मिल गए थे।”

लालच का दुष्परिणाम

दादी माँ थोड़ा रुककर पोती की ओर देखती हैं, जो बड़े ध्यान से इस bed time story को सुन रही थी। फिर वह आगे कहने लगीं—

“कुछ दिनों बाद, जंगल में एक नई अफवाह फैली कि किसी पेड़ पर एक अनोखा फल उगा है, जो खाने से बहुत ताकत मिलती है। सभी चिड़ियाँ बहुत उत्सुक थीं, और सबने मिलकर तय किया कि वे इसे खोजेंगी।

गुल्ली और उसकी नई सहेलियाँ भी उस फल को ढूंढने निकल पड़ीं। उड़ते-उड़ते वे एक बड़े और पुराने पेड़ तक पहुँचीं, जिसके ऊपर वह अनोखा चमकता हुआ फल लटका हुआ था।

टिन्नी ने कहा, ‘हमें यह फल तोड़ना चाहिए, लेकिन हमें इसे मिल-बाँटकर खाना होगा, क्योंकि दोस्ती का असली मतलब है—एक-दूसरे का साथ निभाना।’

लेकिन गुल्ली को लालच आ गया। उसने सोचा, ‘अगर मैं यह पूरा फल खुद ही खा लूँ, तो मैं सबसे ताकतवर बन जाऊँगी।’

जैसे ही टिन्नी और बाकी चिड़ियाँ फल तोड़ने की योजना बना रही थीं, गुल्ली ने झट से फल पर झपट्टा मारा और उसे अपनी चोंच में दबाकर उड़ गई।

बाकी चिड़ियाँ चिल्लाईं, ‘गुल्ली, यह गलत बात है! हमें इसे मिल-बाँटकर खाना चाहिए।’

मगर गुल्ली ने किसी की बात नहीं सुनी और तेजी से उड़ती चली गई।”

सच्चाई की पहचान | बेड टाइम स्टोरी हिंदी में

दादी माँ पोती के सिर पर हल्के से थपकी देकर फिर से बोलने लगीं—

“गुल्ली बहुत खुश थी। उसने सोचा, ‘अब तो मैं सबसे ज्यादा ताकतवर बन जाऊँगी।’ उसने जल्दी से एक पेड़ की शाखा पर बैठकर वह फल खाना शुरू कर दिया।

मगर जैसे ही उसने पहला टुकड़ा खाया, उसे अजीब सा महसूस हुआ। उसका सिर घूमने लगा, और शरीर में कमजोरी आ गई।

अरे! यह क्या हो रहा है?’ गुल्ली डर गई।

वह घबराकर उड़ने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसके पंख बहुत भारी हो गए थे। तभी उसने सुना कि एक बूढ़ा उल्लू कह रहा था, ‘यह फल सभी के लिए है, लेकिन जिसने इसे लालच में खाया, उसे इसका नुकसान झेलना पड़ता है।’

गुल्ली की आँखें भर आईं। उसने महसूस किया कि उसने अपने दोस्तों के साथ धोखा किया था।”

अच्छी शिक्षा वाली हिंदी कहानी

अच्छी शिक्षा वाली हिंदी कहानी: दादी माँ पोती को और करीब खींचते हुए बोलीं, “अब गुल्ली बहुत कमजोर महसूस कर रही थी और उसे किसी का सहारा चाहिए था। वह मुश्किल से उड़ते हुए अपने पुराने दोस्तों के पास पहुँची।

टिन्नी और बाकी चिड़ियाँ पहले तो गुस्सा थीं, लेकिन जब उन्होंने देखा कि गुल्ली सच में परेशानी में है, तो उन्होंने उसकी मदद की।

टिन्नी ने प्यार से कहा, ‘हम तुम्हारी मदद करेंगे, लेकिन वादा करो कि आगे से तुम कभी लालच नहीं करोगी और हमेशा दोस्तों के साथ चीजें बाँटोगी।’

गुल्ली ने शर्मिंदा होकर सिर झुका लिया और कहा, ‘मुझे माफ कर दो, दोस्तों। अब मैं समझ गई हूँ कि दोस्ती में स्वार्थ और लालच की कोई जगह नहीं होती।’

सभी चिड़ियों ने मिलकर गुल्ली को जड़ी-बूटी खिलाई, जिससे वह धीरे-धीरे ठीक होने लगी।”

दोस्ती का असली मतलब

दादी माँ ने पोती की ओर देखा और मुस्कुराईं—

“कुछ ही दिनों में गुल्ली पूरी तरह ठीक हो गई। अब वह पहले से भी ज्यादा समझदार और दयालु हो गई थी।

अब जब भी उसे कुछ अच्छा मिलता, वह सबसे पहले अपने दोस्तों के साथ बाँटती। उसने सच्ची दोस्ती का मतलब समझ लिया था।

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इस छोटी Bed Time Story से शिक्षा

ये छोटी कहानी यही शिक्षा देती है कि, गुल्ली ने एक बड़ी सीख ली कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो कठिन समय में साथ देते हैं, और हमें भी हमेशा स्वार्थ छोड़कर दूसरों की मदद करनी चाहिए।

तो बेटा, इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?”

छोटी बच्ची ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए और हमेशा अपने दोस्तों के साथ चीजें बाँटनी चाहिए।

दादी माँ ने खुशी से बच्ची को गले लगाया और कहा, “बिलकुल सही! अब मीठे सपनों में जाओ और हमेशा दिल से दयालु बनो।”

बच्ची ने आँखें बंद कीं और मुस्कुराते हुए गहरी नींद में सो गई।

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