बचपन की कहानियों का बच्चों के परवरिश में बहुत अहम् भूमिका है, ये मोरल स्टोरी यानि नैतिक कहानियां ही तो हैं जिनके ज़रिये बच्चे अच्छी बाते सीखते हैं और बड़े होकर एक अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान बनते हैं। इसीलिए मैं Moral Story in Hindi Language लेकर आया हूँ, पढ़ें और आनंद लें साथ-साथ नैतिक शिक्षा लें।
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Moral Story in Hindi Language
Moral Story in Hindi language में हम अच्छी अच्छी कहानियां पढ़ेंगे, जिसमें entertainment के साथ हर स्टोरी से हम अच्छी बातें भी सीखेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
बुद्धिमान ड्रैगन और दयालु राजकुमार की मोरल स्टोरी
एक समय की बात है, सिंडोरिया के खूबसूरत साम्राज्य में, लैंडन नाम का एक दयालु और साहसी राजकुमार रहता था। सिंडोरिया एक ऐसा जगह था जो अपने हरे-भरे जंगलों, विशाल महलों और जादुई प्राणियों के लिए जाना जाता था, जहाँ सेराफी नाम की एक बुद्धिमान बूढी ड्रैगन भी रहती थी।
अपने डरावने रूप के बावजूद, सेराफी अपनी अक़लमन्दी और दयालुता के लिए प्रसिद्ध थी। गांव वालों का मानना था कि वह अपने पास आने वाले लोगों के दिलों के भीतर देख सकती थी। जिज्ञासु और बहादुर प्रिंस लैंडन एक बेहतर राजा बनने के लिए पौराणिक ड्रैगन की तलाश करने का फैसला किया जो उसके दिल को पढ़कर उसे उसकी प्रजा के लिए क्या करना चाहिए बता दे।
ड्रैगन के गुफा तक की यात्रा जोखिम भरी थी, जहां पहुंचने के लिए घने जंगल और खड़ी पहाड़ियों का सामना करना था। निडर होकर, प्रिंस लैंडन ने बूढी ड्रैगन सेराफी से ज्ञान लेने के अपने दृढ़ संकल्प लिया।
ड्रैगन की गुफा में पहुंचने पर, सेराफी ने प्रिंस लैंडन का स्वागत किया। उसके scale सूरज की रोशनी में चमक रहे थे, और उसकी आँखें प्राचीन ज्ञान से चमक रही थीं। डर के बजाय, प्रिंस लैंडन को सेराफी के साथ शांति का एहसास हुआ।
राजकुमार ने कहा, “मैं आपका मार्गदर्शन चाहता हूं, बुद्धिमान सेराफी।” “मैं अपने लोगों के लिए एक न्यायप्रिय और दयालु शासक बनना चाहता हूँ।”
ड्रैगन ने धीरे से सिर हिलाकर लैंडन को अपनी चिंताओं और मक़सद को साझा करने के लिए आमंत्रित किया। राजकुमार ने दयालुता, निष्पक्षता और समझ के साथ नेतृत्व करने की अपनी इच्छा के बारे में बात की। सेराफी ने ध्यान से सुना, उसकी आँखों में लैंडन के शब्दों की ईमानदारी झलक रही थी।
अपना ज्ञान देने के लिए, सेराफी ने अपनी एक पुरानी कहानी सुनाई। बहुत समय पहले, सिंडोरिया के ड्रेगन और इंसानों के बीच गलतफहमी और डर के कारण संघर्ष हुआ था। हालाँकि, एक बहादुर इंसान और एक बुद्धिमान ड्रैगन ने एक अलग रास्ता चुना, उन्होंने टकराव के बजाय बात करने का फैसला लिया।
मानव और ड्रैगन ने मिलकर दोस्ती और समझदारी का बंधन बनाया और अपने समुदायों को शांति से एकजुट किया। सेराफी ने इंसानियत, खुली बातचीत और रूढ़ियों से मुक्त होने के साहस के महत्व पर जोर दिया।
ड्रैगन की कहानी से उत्सुक और प्रेरित होकर, प्रिंस लैंडन एक नए दृष्टिकोण के साथ राज्य में लौट आए। उन्होंने सिंडोरिया के लोगों के बीच मेल जोल को बढ़ावा देते हुए सेराफी की शिक्षाओं को लागू किया। राज्य का विकास हुआ क्योंकि शत्रुता की जगह दयालुता ने ले ली। बुद्धिमान ड्रैगन ने राजकुमार का मार्गदर्शन करना जारी रखा, जब भी जरूरत पड़ी सलाह दी।
Moral of The Story in Hindi
इसलिए, प्रिंस लैंडन और बुद्धिमान ड्रैगन सेराफी की कहानी एक यादगार मोरल स्टोरी बन गई, जो आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाती है कि सच्ची ताकत डर और आक्रामकता में नहीं बल्कि नरम दिल / करुणा, समझ और सबसे तनाव की स्थिति में भी दोस्ती के बंधन बनाने के साहस में निहित है।
खरगोश, बन्दर और साझा करने की मोरल स्टोरी
एक समय की बात है, हरे-भरे जंगल के बीचों-बीच मोजो नाम का एक बुद्धिमान छोटा बंदर और रेमी नाम का एक चतुर खरगोश रहता था। मोजो और रेमी बहुत अच्छे दोस्त थे, और वे स्वादिष्ट फलों से लेकर अपने हर रोज़ होने वाली रोमांच की कहानियों तक, सब कुछ साझा करते थे।
एक दिन दोपहर के वक़्त जब दोनों जंगल में टहल रहे थे, तो उनकी नजर एक जादुई पेड़ पर पड़ी, जिसमें इतने स्वादिष्ट केले थे जो किसी ने भी कभी नहीं देखे थे। केले इतने सुनहरे और आकर्षक थे कि मोजो की आँखें उत्साह से चमक उठीं, और रेमी की नाक ख़ुशी से हिल गई।
मोजो और रेमी अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे, लेकिन केले के आकर्षण ने उनकी ईमानदारी की परीक्षा ली। मोजो के मन में एक शरारती विचार आया और उसने सारे केले खुद के लिए लेना चाहा, जबकि रेमी अकेले हर केले का स्वाद लेने का सपना देख रहा था।
पर उनकी दोस्ती और उन दोनों ने एक साथ जो अच्छे सबक और ईमानदारी सीखी थी वो आगे आयी, फिर मोजो ने गहरी सांस ली और कहा, “रेमी, मेरे प्यारे दोस्त, ये केले हम जंगल वालों में से सबके लिए बहुत खास हैं। इसीलिए हमें चाहिए कि हम इन्हें पूरे जंगल के साथ साझा करें और अपने सभी दोस्तों में खुशी फैलाएं।”
Moral Story in Hindi Language
रेमी सभी केले अपने पास रखने के लालच में था, पर उसने बुद्धिमान मोजो की आँखों में देखा और चीज़ों को साझा करने यानी बाँट कर इस्तेमाल करने के असली क़ीमत को समझा। रेमी ने कहा “आप सही कह रहे हैं, मोजो। साझा करने से न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे आस-पास के सभी लोगों के लिए खुशी आती है। आइए ऐसा ही करें!”
दोनों दोस्तों ने जादुई केले इकट्ठे किये और जंगल के सभी जानवरों को एक भव्य दावत में आमंत्रित (invite) किया। जंगल के राजा शेर, हाथी, हिरण, तोते और यहां तक कि मायावी तितलियाँ भी इस आम दावत में शामिल हुईं। मोजो और रेमी ने जादुई केला सबके साथ साझा किया, इस बात का ख़याल रखते हुए कि सबको स्वादिष्ट केले का स्वाद मिले।
सुनहरे केले की खूबसूरती और स्वाद को चख कर जंगल हँसी और ख़ुशी से गूँज उठा, और सब मिलकर बोल उठे “जंगल के सब जानवर भाई-भाई मिल बाँट कर केले खाई-खाई”। मोजो और रेमी के दिल में बहुत ही सुकून और ख़ुशी महसूस हुई। उनकी दयालुता के काम ने न केवल जंगल में खुशी ला दी थी बल्कि उनके बीच दोस्ती के बंधन को और भी मजबूत कर दिया था। इसके बाद जंगल के राजा शेर ने मोजो और रेमी की दरियादिली देख कर उन्हें इनाम दिया।
Moral of The Story in Hindi
अब जब शाम हुई और सूरज डूबने वाला था तब मोजो और रेमी जादुई पेड़ के नीचे बैठे अपने पूरे दिन के एडवेंचर को याद कर रहे थे। मोजो ने रेमी की पीठ थपथपाई और कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, याद रखो कि बांटने की खुशी सबसे मीठा फल है।”
उस दिन के बाद से, मोजो और रेमी ने जंगल में अपना रोमांच जारी रखा, न केवल जादुई केले बल्कि दयालुता, हंसी और क़ीमती सबक भी साझा किया कि सच्ची खुशी उन लोगों के साथ खुशी फैलाने से आती है जिन्हें आप प्रिय यानि क़रीबी हैं।
और इसलिए, हरे-भरे जंगल के बीच में, बुद्धिमान बंदर, चतुर खरगोश और साझा करने की शक्ति की कहानी एक यादगार कहानी बन गई , ऐसी कहानी जो आने वाली पीढ़ियों को सरसराती पत्तियों और बड़बड़ाते झरनों द्वारा बताई गई।
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