नैतिक हिंदी कहानियां | Best Moral Story in Hindi Language

कहानियों का बच्चों के परवरिश में बहुत अहम् भूमिका है, ये मोरल स्टोरी यानि नैतिक कहानियां ही तो हैं जिनके ज़रिये बच्चे अच्छी बाते सीखते हैं और बड़े होकर एक अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान बनते हैं। इसीलिए मैं Moral Story in Hindi Language लेकर आया हूँ, पढ़ें और आनंद लें साथ-साथ नैतिक शिक्षा लें।

एलियन दोस्त और अर्जुन की रोमांचक यात्रा

अर्जुन एक बहुत ही जिज्ञासु और निडर लड़का था। उसकी आँखों में हमेशा चमक रहती थी – दुनिया को जानने की, कुछ नया देखने की।
गाँव के बाकी बच्चे जहाँ खेतों या खेल में व्यस्त रहते, अर्जुन अक्सर अकेला ही पास के जंगल में निकल जाता। उसे वहाँ की शांति बहुत पसंद थी – पेड़ों और हवाओं की सरसराहट, पक्षियों की चहचहाहट, और मिट्टी की खुशबू जैसे उसके दोस्त हों।

एक दिन अचानक रहस्यमयी रोशनी

उस दिन शाम का वक्त था। आसमान नारंगी रंग में रंगा हुआ था, और हवा में ठंडक घुलने लगी थी। अर्जुन धीरे-धीरे, जंगल के अंदर बढ़ रहा था तभी अचानक उसकी नज़र झाड़ियों के पीछे से आती एक अजीब-सी रोशनी पर पड़ी।

वह रोशनी न तो सूरज की थी, न चाँद की उसमें कुछ रहस्य था।
दिल थोड़ा तेज़ धड़कने लगा, लेकिन जिज्ञासा डर से ज़्यादा थी।
वह कदम-कदम बढ़ता गया… और जब झाड़ियों को हटाया, तो उसकी साँस थम गई
वहाँ एक चमकता हुआ गोल यान (spaceship) खड़ा था।

वो ऐसे चमक रहा था, जैसे किसी जादुई सपने से निकल आया हो।
अर्जुन कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि तभी यान का दरवाज़ा खुला… और उसमें से एक छोटा-सा नीली चमड़ी वाला जीव बाहर निकला।

वो अजीब था, पर डरावना नहीं। उसकी बड़ी, मासूम आँखों में एक तरह की कोमलता थी।
अर्जुन पीछे हट गया, पर वो जीव मुस्कुराया… हल्के से हाथ हिलाया।
अर्जुन का डर धीरे-धीरे पिघलने लगा।

अर्जुन और एलियन की पहली बार बात हुई – दोस्ती हुई

अर्जुन ने धीरे से पूछा, “तुम… कौन हो?”

वो जीव कुछ बोला, पर उसकी भाषा अर्जुन समझ नहीं पाया।
फिर अचानक उसकी कलाई पर बंधी मशीन से रोशनी निकली और उसी पल उसकी आवाज़ हिंदी में बदल गई।

“मेरा नाम ज़ेनो है,” उसने कहा। “मैं बहुत दूर के ग्रह से आया हूँ… मेरा यान खराब हो गया है… मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।”

अर्जुन के दिल में एक अजीब-सी भावना आई।
वो सोचने लगा – “ये कोई सपना तो नहीं?”
पर ज़ेनो की आँखों में सच्चाई थी।
अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “अगर मैं कुछ कर सकता हूँ, तो मैं ज़रूर मदद करूँगा।

ज़ेनो के चेहरे पर सुकून की झलक आई।
उसने बताया कि उसे अपने यान को ठीक करने के लिए एक दुर्लभ खनिज चाहिए, जो इस जंगल के गहरे हिस्से में कहीं छिपा हुआ है।

तो चलो,” अर्जुन ने बिना सोचे कहा, “हम साथ मिलकर ढूँढते हैं।”

अब शुरू हुई और रोमांचक यात्रा

धीरे-धीरे रात उतर रही थी। पेड़ों की परछाइयाँ लंबी हो गई थीं।
अर्जुन के हाथ में टॉर्च थी, और ज़ेनो की घड़ी नीली रोशनी फैला रही थी।
दोनों के कदमों की आवाज़ सूनी ज़मीन पर गूंज रही थी।

रास्ते में ज़ेनो ने अर्जुन से पूछा, “तुम इंसान हमेशा इतने निडर रहते हो?
अर्जुन मुस्कुराया, “नहीं… हम मानते हैं कि डर के आगे ही जीत है।”

ज़ेनो कुछ देर चुप रहा, फिर बोला, “हमारे ग्रह पर डर नहीं होता… पर वहाँ दोस्त भी नहीं होते।”
अर्जुन ने उसकी ओर देखा – उसकी आँखों में अकेलापन था।
अब एक दोस्त है,” अर्जुन ने मुस्कुराकर कहा।
ज़ेनो की बड़ी आँखों में हल्की नमी उतर आई।

गुफा का रहस्य

काफी देर चलने के बाद उन्हें एक पुरानी गुफा दिखी।
वहाँ से हल्की सुनहरी रोशनी निकल रही थी। ज़ेनो ने कहा, “शायद वो खनिज अंदर है।”

दोनों सावधानी से अंदर जाने लगे।
तभी रहस्य्मयी तरीके से अचानक ज़मीन हिलने लगी। ऊपर से पत्थर गिरने लगे।
अर्जुन ने तुरंत ज़ेनो को पकड़ा और उसे बचाते हुए बोला, “जल्दी भागो!

तभी अर्जुन ने देखा – एक कोने में बड़ा-सा चमकीला पत्थर रखा हुआ है।
वही वो खनिज था। उसने दौड़कर उसे उठाया और ज़ेनो को दे दिया।

लेकिन तभी एक विशालकाय डरावना साँप गुफा के अंदर से फुफकारता हुआ सामने आ गया।

ज़ेनो डर के मारे पीछे हट गया।
अर्जुन के पैर काँप रहे थे, लेकिन उसने खुद को मजबूत किया।
पास ही ज़मीन पर जलती हुई लकड़ी थी – उसने उसे उठाया और आग की लपटें आगे बढ़ाईं।

साँप फुफकारा, लेकिन फिर और आग के डर से धीरे-धीरे पीछे हट गया और अंधेरे में गायब हो गया।

ज़ेनो ने गहरी साँस ली, “तुम बहुत बहादुर हो, अर्जुन।”
अर्जुन ने मुस्कुराकर कहा, “डर सबको लगता है… फर्क बस इतना है कि कौन उससे भागता है, और कौन उसका सामना करता है।”
ज़ेनो कहा “क्यूंकि डर के आगे जीत है” यह कह के दोनों ज़ोर से हसने लगे।

विदाई का पल

गुफा से बाहर निकलकर दोनों यान तक पहुँचे।
ज़ेनो ने खनिज पत्थर को अपनी मशीन में लगाया – कुछ ही पलों में यान चमकने लगा।
हवा में एक मीठी खुशबू फैल गई।

ज़ेनो अर्जुन की तरफ आया। उसकी आँखों में चमक और थोड़ा सा दुख दोनों थे।
अर्जुन, तुमने मेरी जान बचाई। अगर तुम न होते, तो मैं शायद कभी घर नहीं लौट पाता।”

अर्जुन ने मुस्कुराकर कहा, “सच्ची दोस्ती में कोई एहसान नहीं होता, ज़ेनो।”

ज़ेनो ने अपनी कलाई से एक छोटी-सी चमकदार बॉल निकाली और अर्जुन के हाथ में रख दी।
ये हमारी दोस्ती की निशानी है। जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत हो, इसे दबाना… मैं आ जाऊँगा।”

अर्जुन के गले में कुछ अटक गया। उसने कहा, “और अगर तुम फिर से पृथ्वी पर आओ, तो सीधे मेरे घर आना।”

ज़ेनो मुस्कुराया, “पक्का!”
वो यान में बैठा, हाथ हिलाया, और कुछ ही पल में तेज़ नीली रोशनी के साथ आसमान की ओर उड़ गया।
अर्जुन देर तक उस रोशनी को देखता रहा, जब तक वो एक तारे में बदलकर ओझल नहीं हो गई।

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अब इस नैतिक कहानी का आखिरी पन्ना

उस रात अर्जुन बहुत देर तक जागता रहा।
वो अपनी चमकती बॉल को तकिए के नीचे रखकर आसमान देख रहा था –
हर तारे को देखता और सोचता – “शायद ज़ेनो भी किसी तारे के उस पार मुझे याद कर रहा होगा…”

धीरे-धीरे उसकी आँखें बंद हुईं। चेहरे पर एक मीठी मुस्कान थी।
वो जान गया था –

Moral of the Story (नैतिक शिक्षा)

“साहस हमें मुश्किलों से पार ले जाता है,
लेकिन दोस्ती हमें हमेशा याद दिलाती है कि हम अकेले नहीं हैं।” 💫

बुद्धिमान ड्रैगन और दयालु राजकुमार की मोरल स्टोरी

एक समय की बात है, सिंडोरिया के खूबसूरत साम्राज्य में, लैंडन नाम का एक दयालु और साहसी राजकुमार रहता था। सिंडोरिया एक ऐसा जगह था जो अपने हरे-भरे जंगलों, विशाल महलों और जादुई प्राणियों के लिए जाना जाता था, जहाँ सेराफी नाम की एक बुद्धिमान बूढी ड्रैगन भी रहती थी।

Dragon and a kind prince Moral Story in Hindi Language
Dragon and a kind prince Moral Story in Hindi Language

अपने डरावने रूप के बावजूद, सेराफी अपनी अक़लमन्दी और दयालुता के लिए प्रसिद्ध थी। गांव वालों का मानना था कि वह अपने पास आने वाले लोगों के दिलों के भीतर देख सकती थी। जिज्ञासु और बहादुर प्रिंस लैंडन एक बेहतर राजा बनने के लिए पौराणिक ड्रैगन की तलाश करने का फैसला किया जो उसके दिल को पढ़कर उसे उसकी प्रजा के लिए क्या करना चाहिए बता दे।

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ड्रैगन के गुफा तक की यात्रा जोखिम भरी थी, जहां पहुंचने के लिए घने जंगल और खड़ी पहाड़ियों का सामना करना था। निडर होकर, प्रिंस लैंडन ने बूढी ड्रैगन सेराफी से ज्ञान लेने के अपने दृढ़ संकल्प लिया।

ड्रैगन की गुफा में पहुंचने पर, सेराफी ने प्रिंस लैंडन का स्वागत किया। उसके scale सूरज की रोशनी में चमक रहे थे, और उसकी आँखें प्राचीन ज्ञान से चमक रही थीं। डर के बजाय, प्रिंस लैंडन को सेराफी के साथ शांति का एहसास हुआ।

राजकुमार ने कहा, “मैं आपका मार्गदर्शन चाहता हूं, बुद्धिमान सेराफी।” “मैं अपने लोगों के लिए एक न्यायप्रिय और दयालु शासक बनना चाहता हूँ।

ड्रैगन ने धीरे से सिर हिलाकर लैंडन को अपनी चिंताओं और मक़सद को साझा करने के लिए आमंत्रित किया। राजकुमार ने दयालुता, निष्पक्षता और समझ के साथ नेतृत्व करने की अपनी इच्छा के बारे में बात की। सेराफी ने ध्यान से सुना, उसकी आँखों में लैंडन के शब्दों की ईमानदारी झलक रही थी।

अपना ज्ञान देने के लिए, सेराफी ने अपनी एक पुरानी कहानी सुनाई। बहुत समय पहले, सिंडोरिया के ड्रेगन और इंसानों के बीच गलतफहमी और डर के कारण संघर्ष हुआ था। हालाँकि, एक बहादुर इंसान और एक बुद्धिमान ड्रैगन ने एक अलग रास्ता चुना, उन्होंने टकराव के बजाय बात करने का फैसला लिया।

मानव और ड्रैगन ने मिलकर दोस्ती और समझदारी का बंधन बनाया और अपने समुदायों को शांति से एकजुट किया। सेराफी ने इंसानियत, खुली बातचीत और रूढ़ियों से मुक्त होने के साहस के महत्व पर जोर दिया।

ड्रैगन की कहानी से उत्सुक और प्रेरित होकर, प्रिंस लैंडन एक नए नज़रिये के साथ राज्य में लौट आए। उन्होंने सिंडोरिया के लोगों के बीच मेल जोल को बढ़ावा देते हुए सेराफी की शिक्षाओं को लागू किया। राज्य का विकास हुआ क्योंकि शत्रुता की जगह दयालुता ने ले ली। बुद्धिमान ड्रैगन ने राजकुमार का मार्गदर्शन करना जारी रखा, जब भी जरूरत पड़ी सलाह दी।

Moral of The Story in Hindi

इसलिए, प्रिंस लैंडन और बुद्धिमान ड्रैगन सेराफी की कहानी एक यादगार मोरल स्टोरी बन गई, जो आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाती है कि सच्ची ताकत डर और आक्रामकता में नहीं बल्कि नरम दिल / करुणा, समझ और सबसे तनाव की स्थिति में भी दोस्ती के बंधन बनाने के साहस में निहित है।

खरगोश, बन्दर और साझा करने की मोरल स्टोरी

एक समय की बात है, हरे-भरे जंगल के बीचों-बीच मोजो नाम का एक बुद्धिमान छोटा बंदर और रेमी नाम का एक चतुर खरगोश रहता था। मोजो और रेमी बहुत अच्छे दोस्त थे, और वे स्वादिष्ट फलों से लेकर अपने हर रोज़ होने वाली रोमांच की कहानियों तक, सब कुछ साझा करते थे।

Moral Story in Hindi Language
Moral Story in Hindi Language / Hindi moral story

एक दिन दोपहर के वक़्त जब दोनों जंगल में टहल रहे थे, तो उनकी नजर एक जादुई पेड़ पर पड़ी, जिसमें इतने स्वादिष्ट केले थे जो किसी ने भी कभी नहीं देखे थे। केले इतने सुनहरे और आकर्षक थे कि मोजो की आँखें उत्साह से चमक उठीं, और रेमी की नाक ख़ुशी से हिल गई।

मोजो और रेमी अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे, लेकिन केले के आकर्षण ने उनकी ईमानदारी की परीक्षा ली। मोजो के मन में एक शरारती विचार आया और उसने सारे केले खुद के लिए लेना चाहा, जबकि रेमी अकेले हर केले का स्वाद लेने का सपना देख रहा था।

पर उनकी दोस्ती और उन दोनों ने एक साथ जो अच्छे सबक और ईमानदारी सीखी थी वो आगे आयी, फिर मोजो ने गहरी सांस ली और कहा, “रेमी, मेरे प्यारे दोस्त, ये केले हम जंगल वालों में से सबके लिए बहुत खास हैं। इसीलिए हमें चाहिए कि हम इन्हें पूरे जंगल के साथ साझा करें और अपने सभी दोस्तों में खुशी फैलाएं।

रेमी सभी केले अपने पास रखने के लालच में था, पर उसने बुद्धिमान मोजो की आँखों में देखा और चीज़ों को साझा करने यानी बाँट कर इस्तेमाल करने के असली क़ीमत को समझा। रेमी ने कहा “आप सही कह रहे हैं, मोजो। साझा करने से न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे आस-पास के सभी लोगों के लिए खुशी आती है। आइए ऐसा ही करें!”

दोनों दोस्तों ने जादुई केले इकट्ठे किये और जंगल के सभी जानवरों को एक भव्य दावत में आमंत्रित (invite) किया। जंगल के राजा शेर, हाथी, हिरण, तोते और यहां तक कि मायावी तितलियाँ भी इस आम दावत में शामिल हुईं। मोजो और रेमी ने जादुई केला सबके साथ साझा किया, इस बात का ख़याल रखते हुए कि सबको स्वादिष्ट केले का स्वाद मिले।

सुनहरे केले की खूबसूरती और स्वाद को चख कर जंगल हँसी और ख़ुशी से गूँज उठा, और सब मिलकर बोल उठे “जंगल के सब जानवर भाई-भाई मिल बाँट कर केले खाई-खाई”। मोजो और रेमी के दिल में बहुत ही सुकून और ख़ुशी महसूस हुई। उनकी दयालुता के काम ने न केवल जंगल में खुशी ला दी थी बल्कि उनके बीच दोस्ती के बंधन को और भी मजबूत कर दिया था। इसके बाद जंगल के राजा शेर ने मोजो और रेमी की दरियादिली देख कर उन्हें इनाम दिया।

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Moral Story in Hindi Language | हिंदी कहानियां बच्चों के लिए

Moral of The Story

अब जब शाम हुई और सूरज डूबने वाला था तब मोजो और रेमी जादुई पेड़ के नीचे बैठे अपने पूरे दिन के एडवेंचर को याद कर रहे थे। मोजो ने रेमी की पीठ थपथपाई और कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, याद रखो कि बांटने की खुशी सबसे मीठा फल है।

उस दिन के बाद से, मोजो और रेमी ने जंगल में अपना रोमांच जारी रखा, न केवल जादुई केले बल्कि दयालुता, हंसी और क़ीमती सबक भी साझा किया कि सच्ची खुशी उन लोगों के साथ खुशी फैलाने से आती है जिन्हें आप प्रिय यानि क़रीबी हैं।

और इसलिए, हरे-भरे जंगल के बीच में, बुद्धिमान बंदर, चतुर खरगोश और साझा करने की शक्ति की कहानी एक यादगार कहानी बन गई , ऐसी कहानी जो आने वाली पीढ़ियों को सरसराती पत्तियों और बड़बड़ाते झरनों द्वारा बताई गई।

उम्मीद है मेरी लिखी Moral Stories आपको पसंद आयी होगी, इसे अपने दोस्तों में शेयर करें और कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछें। अपना और अपनों का हमेशा खूब ख़याल रखें, मिलते हैं अगली स्टोरी में, शुक्रिया।

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